औरत और मर्द सिर्फ शारीरिक संरचना में ही अलग-अलग नहीं होते, बल्कि उनमें किसी बात पर सोचने और प्रतिक्रिया देने में भी जमीन-आसमान का अंतर होता है। इसी बात को सच साबित करते हुए वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि पुरुषों और महिलाओं की सेक्स जरूरतों में भिन्नता होती हैं और वे इस बारे में भिन्न सोच रखते हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादातर पुरुष सेक्स को दिनभर की क्रियाओं से अलग मानते हैं, वहीं महिलाएं ऐसा नहीं कर पाती हैं। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि पुरुषों का शरीर यौन उत्तेजना महसूस करने पर हमेशा प्रतिक्रिया देता है, जबकि ऐसा कुछ ही महिलाओं के साथ होता है। महिलाओं के शरीर को सेक्स के लिए तैयार होने में कुछ वक्त लगता है।
क्वीन्स यूनीवर्सिटी द्वारा कराए गए इस अध्ययन में वर्ष 1969 से 2007 के बीच 2500 महिलाओं और 1900 पुरुषों पर किए गए शोधों का खंगाला गया। शोध में शामिल किए गए लोगों से पूछा गया कि कामोत्तेजक गतिविधियों के दौरान और उनके बाद वे कितनी उत्तेजना महसूस करते हैं। इसके बाद लोगों से प्राप्त जवाबों की उनके यौनांगों में खून के बहाव से मापी गई मानसिक प्रतिक्रियाओं से तुलना की गई।
शोध में यह पाया गया कि पुरुषों की शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रियाएं एक दूसरे से मेल खाती हैं, परंतु महिलाओं के शरीर और मन के बीच विरोधाभास होता है। इसके साथ ही यह बात भी सामने आई कि कुछ महिलाओं को किसी भी भौतिक बदलाव के बगैर ही उत्तेजना महसूस हुई। दूसरी ओर अन्य स्त्रियों में शारीरिक संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई देने के बावजूद उनके अंदर उत्तेजना नहीं पैदा हुई। पुरुषों में यह विरोधाभास बहुत कम होता है। शोध में प्रमुख भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर मेरेदिथ चिवर्स ने कहा कि हम जानना चाहते थे कि लोगों के आत्मगत अनुभव और कामोत्तेजना उनकी यौनांगिक प्रतिक्रिया को किस हद तक जाहिर करते हैं।
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