काम कल्पना में लीन औरत
काम कल्पना होती ही कुछ ऐसी है कि इंसान उसके आगे सब कुछ भूल जाता है । काम का अनुभव शायद एक छोटी सी मृत्यु कि तरह है जिसको अनुभव करते समय इंसान जाने कहाँ खो जाता है । उस वक़्त ना आप शरीर में होते हो और ना ही कहीं और । जैसे मैं समाप्त हो जाता है । मृत्यु भी तो ऐसी ही होती है ?
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